माँ भारत की शान बढ़े मेरे देश में हो खुशहाली, माँ भारत की शान बढ़े मेरे देश में हो खुशहाली,
छोड़ कर सब श्रंगार प्रिय बन गले का हार प्रिय झांक के मेरे नैनों में जब मंद मंद मुस् छोड़ कर सब श्रंगार प्रिय बन गले का हार प्रिय झांक के मेरे नैनों में जब ...
यह कविता भारत मॉं के सपूत भगत सिंह की कहानी सुनाती है। यह कविता भारत मॉं के सपूत भगत सिंह की कहानी सुनाती है।
पंख परिवारों की शान रखते हैं, हौसलों से ऊंची उड़ान रखते हैं। उड़ान हो ऊंची तो लक्ष्य पंख परिवारों की शान रखते हैं, हौसलों से ऊंची उड़ान रखते हैं। उड़ान हो ऊंची...
बहुत से लोग इन्हें समझते हैं एक समस्या लेकिन यह तो कर रहे होते हैं बड़ी ही तपस्या। बहुत से लोग इन्हें समझते हैं एक समस्या लेकिन यह तो कर रहे होते हैं बड़ी ही तपस...
शत्रु न मुझे छूँ पाएगा तिरंगा गाड़ कर आऊँगा। शत्रु न मुझे छूँ पाएगा तिरंगा गाड़ कर आऊँगा।